कोरोना संकट के कारण बच्चों की पढ़ाई को काफी अधिक नुकसान पहुंचा है। हालांकि सरकार ने इसके लिए कुछ नीतियां बनाई और ऑनलाइन पढ़ाई को शुरू करने के लिए कई ऑनलाइन कार्यक्रम और टी वी चैनलों के माध्यम से बच्चों के पाठ्यक्रम को प्रसारित किया गया। लेकिन अभी भी सुचारु रुप से पढ़ाई करने के लिए ऑनलाइन शिक्षा एक चुनौती ही बनी हुई है खासकर तब जब उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क तो दूर बिजली भी 24 घंटे सही से उपलब्ध ना रहती हो। लेकिन केंद्र सरकार के आदेशों के बाद अब उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से थोड़ी राहत देने के लिए उत्तराखंड सरकार ने एक योजना बनाई है जो कि उत्तराखंड के ग्रामीण इलाकों के हजारों छात्र-छात्राओं के लिए एक खुशखबरी भी है।
इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की कनेक्टिविटी सुविधाओं से जूझ रहे छात्रों को काफी मदद होगी और उनकी कुछ समस्या दूर हो सकेगी। भारत नेट की इस योजना के मुताबिक कक्षा 1 से 12वीं तक के 17,047 सरकारी विद्यालयों को होम इंटरनेट कनेक्शन दिए जाएंगे,साथ ही वहां की प्रत्येक ग्राम पंचायत को 30 GB डाटा भी दिया जायेगा। केंद्र सरकार की इस योजना को अतिशीघ्र अमल में लाने के लिए शिक्षा सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने सभी जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों को नोडल अधिकारी नामित किया है। उन्होंने कहा कि एक हफ्ते के भीतर इस योजना की पूरी रिपोर्ट तैयार की जाएं और इन्हें अतिशीघ्र शुरू किया जाए।
भारत में मार्च से लोकडाउन के बाद से ही सभी सरकारी और निजी शिक्षा संस्थान बंद हैं। वहीं अनलॉक की प्रक्रिया शुरु होने के बाद कई सरकारी और निजी स्कूलों में ऑनलाइन या सोशल मीडिया प्लेटफार्म की मदद से छात्रों को घर बैठे-बैठे पढ़ाया जा रहा है और उन्हें पाठ्यक्रम मुहिया कराया जा रहा है। लेकिन शहरों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में ऑनलाइन शिक्षा एक चुनौती है क्योंकि यहां पर ना तो बिजली हर समय रहती है और ना ही इंटरनेट की उतनी कनेक्टिविटी है जितनी की शहरों में उपलब्ध रहती है। इसी समस्या के समाधान के लिए केंद्र सरकार ने भारत नेट के साथ यह करार किया है जिसमें की सरकारी विद्यालयों को केंद्र सरकार की ओर से ‘फाइबर टू द होम’ योजना के तहत अब इंटरनेट कनेक्शन मुहिया कराये जाएंगे।केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर इस योजना को जल्द से जल्द शुरु करने की आदेश दिए हैं, साथ ही केंद्र सरकार ने विद्यालयों को इंटरनेट कनेक्शन से जुड़ने की इस योजना के लिए 10 अगस्त तक सभी राज्यों से लिखित ब्यौरा मांगा है। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम के मुताबिक इस योजना को अपने अंजाम तक पहुंचाने के लिए सभी जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारीयों की इसमें बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी और इन शिक्षा अधिकारियों की मदत के लिए जिलाधिकारी व माध्यमिक बेसिक शिक्षा अधिकारी तैनात रहेंगे। आर मीनाक्षी सुंदरम ने इस संबंध में आदेश जारी कर 9 अगस्त तक सभी लिखित और उपयुक्त सूचनाएं मुहैया कारने के निर्देश दिए हैं।