कहते हैं कि अगर ठान लिया जाए तो क्या कुछ नही किया जा सकता है ऐसी ही एक ख़बर देहरादून(Dehradun) से है हालाँकि की ये ख़बर थोडी सी आम ही है लेकिन यह खबर एक नाम की वजह से ख़ास बन गयी है। ओर वह नाम है “दिल टूटा आशिक़ चाय वाला”
दरअसल देहरादून के एक 21 वर्षीय युवक ने “दिल टूटा आशिक- चाय वाला” नाम से अपने चाय के बिज़नेस के ज़रिए शहर में एक हलचल सी पैदा कर दी है, जितना अलग इस युवक ने अपनी चाय की दूकान का नाम रखा है उतना ही दिलचस्प इसके पीछे की कहानी भी है। देहरादून के निवासी और कैफे के मालिक दिव्यांशु बत्रा का कहना है कि उन्हें यह दिलचस्प ओर आकर्षक नाम लॉकडाउन में सुझा था दरअसल अपनी प्रेमिका से हुए ब्रेकअप के बाद वह कुछ अच्छा करना चाहते थे ताकि वह अपना समय शोक में डूबने के बजाए किसी सकारात्मक कार्य मे लगायें ओर तभी से उन्होंने दिल टूटा आशिक़ नाम से एक कैफ़े खोलने का फैसला कर लिया।
देहरादून के जीएमएस रोड इलाके में स्थित अपने इस कैफ़े को दिव्यांशु ने 16 दिसंबर को खोला था और तब से यह ग्राहकों के बीच अपने नाम की वजह से काफी मशहूर हो रहा है साथ वह काफ़ी युवाओं को भी अपनी ओर आकर्षित कर रहा है, विशेषकर उन युवाओं को जो उन्हीं के जैसे दिल टूटे आशिक़ हैं और वो यहाँ आकर अपने किस्से कहानियाँ भी शेयर करते हैं।
बत्रा ने कहा, “मेरी हाई-स्कूल के दिनों से एक प्रेमिका थी, जिसके साथ पिछले साल उनका ब्रेअकप हो गया था । जिसके बाद वह लगभग छह महीने तक उदास रहे और अपना समय PUBG खेलकर हीबिताते रहे । फिर एक दिन, उनके मन में अपना कैफे खोलने का ख़्याल आया और फिर उन्होंने इस पर काम करना शुरू कर दिया ताकि वह अपने इस उदासी वाले दौर से बहार निकल सकें और कुछ सकारात्मक काम कर सकें। हालाँकि जब अपने इस प्लान और नाम के बारे में अपने माता-पिता से बात की तो पहले उन्हें इस बारे संदेह था की यह कैसा अजीब सा नाम है और उनके जान पहचान वाले इस नाम को सुन कर उन के बारे में क्या सोचेंगे लेकिन जब दिव्यांशु ने मन बना ही लिया था तब तो उन्होंने किसी की नहीं सुनी और शुरुवात कर डाली अपने इस अनोखे नाम वाले कैफे की।
साथ ही बत्रा कहते हैं की उनकी माँ ने उनका हर मोके पे साथ दिया और उनका भरपूर समर्थन किया लेकिन पिता को उनके इस नाम में कुछ भी यकीं नहीं था लेकिन जब एक दिन पिता जी के एक दोस्त ने हमारे यहाँ के खाने और कैफे की प्रशंसा की तो तब उन्हें पता चला की यह कैफे मेरा है और तब से उन्हें विश्वाश हो गया की में कुछ अलग कर रहा हूँ।
दिल टूटने की दास्तां
बत्रा, जो अपने छोटे भाई राहुल बत्रा के साथ कैफे का प्रबंधन करते हैं, का कहना है की वह “व्यवसाय करने से अधिक, वह अपनी कहानियों को साझा करने के लिए दिलवाले के साथ लोगों को एक मंच प्रदान करना चाहते थे।”
साझा करें ताकि मैं उन्हें इससे उबरने और आगे बढ़ने में मदद कर सकूं। मैं अब इसमें भी सफल हो रहा हूं। काफी युवा अब कैफ़े का नाम देखकर और अपनी ब्रेक-अप की कहानियाँ मेरे साथ साझा करने यहाँ आ रहे हैं।
वहाँ मौजूद कुछ ग्रहाकों से जब इस कैफे के बारे में हमने उनकी रे ली तो एक ग्रहाक का कहना था की “मैं एक शिक्षक के रूप में काम करता हूं और लगभग 3 साल के रिश्ते के बाद हाल ही में मेरा मेरी साथी के साथ ब्रेकअप हुआ था। मैं तब से पूरी तरह से टूट गया था। फिर कुछ दिनों पहले, क्षेत्र से गुजरते हुए, मैंने यह कैफे देखा। और बत्रा के साथ अपने दर्द को साझा करने के लिए कैफ़े में अंत तक रुक गया और अपने दर्द को बाँट कर कुछ रहत महसूस करने लगा । “एक और ग्राहक जो कैफे में अपनी कॉफी पी रहा था, ने कहा की, “दिल टूटने के बाद, मैं यहां आया था और बत्रा ने बुरे दौर का सामना करने और आगे बढ़ने में मेरी बहुत मदद की। मैं वास्तव में उनका आभारी हूं और यहां आना जारी रखूँगा ।”
ग्राहकों से मिल रही इस प्रतिक्रिया के बाद दिव्यांशु अब अपने कैफे के विस्तार की योजना बना रहे हैं ।
बत्रा ने कहा, “मैं जल्द ही हरिद्वार में एक महीने के भीतर फ्रेंचाइजी बनाने जा रहा हूं और कुछ महीनों के बाद देहरादून में एक और शाखा खोलने की योजना है।”