Kedarnath Yatra : 2 साल कोरोनावायरस की पाबंदियों के बाद अब चारधाम यात्रा एक बार पुनः अपने पुराने स्वरूप में लौटने के लिए बेकरार है। उम्मीद है कि इस बार चारधाम यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालु की संख्या पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ सकती है।

चारधाम यात्रा की तैयारियों के लिए मंदिर प्रशासन व उत्तराखंड सरकार अब पूरी तैयारियों में जुट गई है। इसको लेकर प्रदेश की राजधानी से लेकर चारों धामों में लगातार बैठकों का आयोजन किया जा रहा है। वहीं इस बार चारधाम यात्रा से जुड़े हुए व्यवसाय, होटल मालिक और दुकानदारों के चेहरे भी काफी खिले हुए हैं उन्हें उम्मीद है कि कोरोना काल के समय उन्हें यात्रा ना चलने की वजह से जो भारी नुकसान हुआ था शायद उसकी इस बार भरपाई हो पाएगी।

अब देश में कोरोना की पाबंदियां धीरे-धीरे खत्म हो रही हैं और धार्मिक संस्थानों के साथ-साथ सभी पर्यटन स्थल सैलानियों के लिए खोल दिए गए हैं। चार धाम यात्रा की बात करें तो श्रद्धालु में भी इस साल काफी जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि चार धाम यात्रा को संचालित करने वाले होटल गढ़वाल मंडल विकास निगम को अभी तक 5 करोड़ से ज्यादा की एडवांस बुकिंग मिल चुकी है और उम्मीद जताई जा रही है की जल्द ही यात्रा के सभी महीनों के लिए यह बुकिंग पूरी हो जाएगी।

गढ़वाल मंडल विकास निगम की प्रबंध निदेशक स्वाति एस भदौरिया का कहना है की चारधाम यात्रा को लेकर इस बार श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है और उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के सारे रिकॉर्ड टूट जाएंगे। यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि गढ़वाल मंडल विकास निगम के तकरीबन 18 गेस्ट हाउस बुक हो चुके हैं जिनमें अभी तक 5 करोड़ से ज्यादा की एडवांस बुकिंग हो चुकी है और लोग लगातार बुकिंग करवाते जा रहे हैं। वहीं बढ़ते यात्रियों की संख्या भी इस बार यात्रा संचालन समिति और सरकार के लिए एक कड़ी चुनौती साबित हो सकती है।

पिछले 2 सालों की बात करें तो चारधाम यात्रा पर लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर पड़ा क्योंकि लॉकडाउन के समय चारधाम यात्रा सीमित संसाधनों के साथ शुरू हो पाई थी। जहां श्रद्धालुओं की संख्या लगभग ना के बराबर देखने को मिली। इसका सीधा-सीधा असर चार धाम यात्रा और उत्तराखंड में पर्यटन व्यवसाय से जुड़े हुए लोगों की आम दिनचर्या पर देखने को मिला, लेकिन इस बार कोरोना की सारी पाबंदियां खत्म कर दी गई है और उत्तराखंड में पर्यटन स्थल के साथ-साथ चार धाम यात्रा के प्रति श्रद्धालुओं व पर्यटकों का जबरदस्त उत्साह बना हुआ है। उम्मीद है कि इस बार चारधाम यात्रा से जुड़े हुए पर्यटन व्यवसायियों को भरपूर लाभ होगा क्योंकि चारधाम यात्रा धार्मिक स्थल होने के साथ-साथ तीर्थ यात्रा और पर्यटन से जुड़े हुए हजारों लाखों लोगों का आय का प्रमुख साधन है।

आपको बता दें कि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 3 मई से शुरू होने जा रही है जिसमें कि पहले दिन 3 मई यानी अक्षय तृतीया के दिन सुबह 11:00 बजे यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे तो वहीं केदारनाथ धाम के कपाट 6 मई व बद्रीनाथ धाम के कपाट 8 मई की सुबह को खोले जाएंगे।

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