मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की जिनमें गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा तथा रमेश पोखरियाल निशंक, अनिल बलूनी व प्रल्हाद जोशी समेत कई अन्य नाम शामिल थे।

वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से शिष्टाचार भेंट कर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीमांत क्षेत्र पिथौरागढ़ के धारचूला क्षेत्र में धारचूला हेलीपैड को अपग्रेड करने की मांग की, उन्होंने लंबे समय से विवादों में चल रहे रुद्रप्रयाग जनपद के जखोली में सैनिक स्कूल की स्थापना के लिए रक्षा मंत्रालय तथा भारत सरकार व उत्तराखंड सरकार के माध्यम से मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट में संशोधन करके अवसथापना सुविधाएं भारत सरकार से उपलब्ध कराए जाने का भी अनुरोध किया।

आपको बता दें कि रुद्रप्रयाग के जखोली में सैनिक स्कूल का मामला लंबे समय से आधार में अटका हुआ है। लेकिन प्रदेश में वापस सत्ता में सरकार की वापसी के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि इस कार्यकाल में तो शायद जखोली में सैनिक स्कूल बनने का सपना साकार हो सकेगा। वैसे भी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के चहेते माने जाते हैं और अभी तक जो भी मांगे पुष्कर सिंह धामी ने अपने हाईकमान से कि हैं उनकी लगभग-लगभग हर मांग को पूरा किया गया है। अब आशा की जा सकती है कि जल्द ही जखोली में सैनिक स्कूल भी बनकर तैयार हो जाएगा।

10 सालों से अधर में लटका पड़ा है सैनिक स्कूल का काम

वर्ष 2012-13 में रुद्रप्रयाग जखोली के थाती दिग्धारा बडमा गाँव में सैनिक स्कूल के लिए सरकार द्वारा मंजूरी मिली थी, लेकिन सैनिक स्कूल धरातल पर नहीं उतर पाया। पूर्व में तत्कालीन सैनिक कल्याण मंत्री डॉ हरक सिंह रावत और तत्कालीन शिक्षामंत्री मंत्री प्रसाद के बीच विवादों के कारण सैनिक स्कूल का काम लटकते रह गया।

भ्रष्ट अफसरशाही का सबसे बड़ा नमूना

इस स्कूल के पीछे भ्रष्ट अफसरशाही क्या होती है इसका भी एक नमूना देखने को मिला, कि स्कूल के लिए मंजूर हुए 10 करोड़ में से नौ करोड़ रुपए केवल स्कूल की चारदीवारी बनाने में ही खर्च हो गए, जब इस बात का संज्ञान लिया गया तो मामले को रखा दफा करने के लिए निर्माण एजेंसी के अफ़सरों पर एफ आई आर भी हुई लेकिन उसका कोई परिणाम नहीं निकला। विभागों कि आपसी लड़ाई की भेंट चढ़ा जखोली का सैनिक स्कूल आज तक अपने पूर्ण निर्माण के सपने देख रहा है।

जखोली में सैनिक स्कूल के लिए रुद्रप्रयाग के विधायक भरत सिंह चौधरी, पूर्व में केदारनाथ विधायक मनोज रावत व अन्य कई नेताओं ने पूरा दमखम लगाया लेकिन कोई भी इस स्कूल का निर्माण कार्य पूरा नहीं करवा सका। कई बार शिक्षा विभाग की समीक्षा अफसरों ने मुख्यमंत्री के सामने रिपोर्ट रखकर डीपीआर भी प्रस्तुत कि लेकिन केंद्र सरकार ने इसके आगे के निर्माण के लिए बजट देने से मना कर दिया था।

अब उम्मीद की जा सकती है कि इस बार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मांग को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व भारत सरकार जरूर संज्ञान में लेंगे और जखोली में आधार में लटके हुए सैनिक स्कूल का कार्य जल्द शुरू होगा।

100 सैनिक स्कूल खोलने का है लक्ष्य

इस बात का अंदेशा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि रक्षा मंत्रालय ने साल 2022 में उत्तराखंड,यूपी,बिहार समेत अन्य राज्यों में 21 नए सैनिक स्कूल खोलने की मंजूरी दी है। साथ ही आने वाले कुछ सालों में 100 सैनिक स्कूल खोलने का लक्ष्य भी रखा है। अभी वर्तमान समय में देश में 33 सैनिक स्कूल हैं। जो रक्षा मंत्रालय की सैनिक स्कूल सोसायटी द्वारा संचालित किए जाते हैं। यह स्कूल पूरी तरह से आवासीय होंगे और सभी नए स्कूल सैनिक स्कूल सोसाइटी के नियमों के अनुरूप ही संचालित किए जाएंगे।

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