अब उत्तराखंड के स्कूलों में हफ्ते में एक दिन जरुरी होगा आपदा प्रबंधन परिशिक्षण

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necessary for disaster management training in Uttarakhand's

शनिवार को मुख्यमंत्री आवास पर आपदा प्रबंधन के साथ हुई बैठक में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आदेश दिए हैं कि अब उत्तराखंड के स्कूलों में आपदा प्रबंधन परिशिक्षण पर जोर दिया जाए और इसके लिए सप्ताह में एक दिन सुनिश्चित करके आपदा प्रबंधन की जागरूकता को बढ़ावा और युवाओं को इसका प्रशिक्षण दिया दिया जाए।
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि मौजूदा समय में आपदा प्रबंधन के लिए जो प्रशिक्षण विभिन्न जिलों में दिए जा रहे हैं उनको और ज्यादा प्रभावी बनाने के लिए विशेषज्ञों की राय ली जानी चाहिए और उत्तराखंड के स्कूलों में शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए ताकि भविष्य में वह स्कूल के बच्चों को इस तरह की ट्रेनिंग के जरिए और मजबूत बनाएं साथ ही उन्होंने कहा कि स्कूलों के साथ-साथ हमें ग्राम सभाओं में भी समय-समय पर लोगों को प्रशिक्षित करने की जरूरत है क्योंकि उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों की दृष्टिगत के हिसाब से लोगों को आपदा प्रबंधन के बारे में जागरूक करना बहुत जरूरी है।


बैठक में सीएम ने आदेश दिए हैं कि कोविड-19 से बचाव के लिए ग्राम सभाओं को विभिन्न माध्यमों से जागरूक किया जाए। इस बैठक में मुख्य सचिव उत्पल सिंह,डीजीपी अनिल रतूड़ी, सचिव शैलेश बगोली,एसए मुरूगेशन,आईजी एसडीआरएफ संजय गुंज्याल,निदेशक आपदा प्रबंधन डॉक्टर पीयूष रौतेला समेत कई अन्य बड़े अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में प्रदेश में आपदा से बचाव के लिए किए गए कार्यों के विश्लेषण में कहा गया कि उत्तराखंड में अब तक 184 अर्थ क्विक अलार्म सिस्टम स्थापित किए गए हैं जिनमें गढ़वाल मंडल में 84 और कुमाऊं मंडल में 100 भूकंप पूर्व चेतावनी यंत्र स्थापित किए जा चुके हैं साथ ही मौसम से संबंधित सटीक जानकारी के लिए मुक्तेश्वर और सुरकंडा में डॉप्लर राडार का कार्य भी काफी तेजी से चल रहा है। प्रदेश में अब तक इस साल 12321 युवक मंगल दल और 10908 युवक-युवतियों को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है साथी तहसील स्तर पर संचार को मजबूत करने के लिए 184 सेटेलाइट फोन भी उपलब्ध कराए गए हैं।


2012 से अब तक 27 आपदा से संवेदनशील गांवों के 699 परिवारों का पुनर्वासन भी किया जा चुका है
साथ ही उत्तराखंड में आपदा मोचन निधि के तहत अब तक सभी जिलों को लगभग 98 करोड़ ,चिकित्सा शिक्षा निदेशालय को ₹20करोड़,लोक निर्माण विभाग को ₹30 करोड़,पेय जल संस्थान को ₹20 करोड़ और चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को ₹16 करोड़ की राशि प्रदान की गई है।

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