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देहरादून में खूब हो रही लेखक गांव की चर्चा, अटल जी से है गहरा नाता, जानिए क्या है खास

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जौलीग्रांट (देहरादून)। थानो में स्थापित लेखक गांव में तीन दिवसीय स्पर्श हिमालय महोत्सव शुक्रवार से शुरू होगा। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि.) गुरमीत सिंह कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे। लेखक गांव के संरक्षक डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की पीड़ा से लेखक गांव का जन्म हुआ है। एक किताब के विमोचन के दौरान वे खो गए थे। उनकी आंखें छलक गई थी। तब उन्होंने कहा था कि देश में लेखकों को कोई विशेष सम्मान नहीं मिलता है।

निराला, श्यामनारायण पांडेय जैसे लेखकों की मौत गरीबी में हुई। उनके पास दवा तक के पैसे नहीं थे। अटल जी ने कहा था कि क्या कोई इस दिशा में सोचेगा। लेखक गांव की उन्हें श्रद्धांजलि है। अटल जी एक संवेदनशील व्यक्ति थे और संवेदना को बचाना जरूरी है। निशंक ने दावा किया कि लेखक गांव देश का पहला ऐसा गांव बनेगा। जहां सृजनता, शोध और अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा। कार्यक्रम में 65 से अधिक देशों के साहित्यकार और लेखक आदि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुडेंगे। वहीं 40 देशों के लोग कार्यक्रम में शामिल होंगे।

लेखक गांव के पुस्तकालय में देश और दुनिया की करीब एक लाख पुस्तकों को रखा जाएगा। लेखकों के लिए कुटिया, अतिथि गृह, हिमालयन संजीवनी भोजनालय, ऑडिटोरियम आदि बनाए गए हैं। लेखक गांव के आसपास ऊंची हरी भरी पहाड़ियां हैं।

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