सिंगरौली: मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा भले ही प्राथमिक और मिडिल शिक्षकों को बच्चों को पढ़ने के लिए विभिन्न प्रकार की ट्रेंनिंग प्रोग्राम्स के माध्यम से उन्हें प्रशिक्षित करने का काम किया जाता है। लेकिन शिक्षकों की मनमानी और मासूम बच्चों के प्रति उनके अभद्र व्यवहार में परिवर्तन देखने को नहीं मिल रहा है। ताजा मामला मध्य प्रदेश की सिंगरौली जिले के आदिवासी गांव गड़ईगांव के प्राथमिक विद्यालय तरई डोल मोहल्ले का है। जहां पदस्थ शिक्षक वीरेंद्र सिंह चौहान के द्वारा एक मासूम के साथ में जमकर मारपीट की गई है।

उक्त मामले में जब विद्यालय की हेड मास्टर सोमवती सिंह से चर्चा की गई तो उनका कहना था कि मैं दूसरे कक्षा में पढ़ा रही थी कि छात्रा के साथ मार पीट व छात्रा के रोने की आवाज सुन कर दौड़ कर बाहर आई तभी वीरेंद्र सिंह मारपीट नही करने के लिए कहा उसी दौरान मासूम बच्ची मेरी गोद मे आकर लिपट गई।और जोर-जोर से रोने लगी। हालांकि जब हेड मास्टर मौर्य से इस बात की जानकारी पूछी गई की शिक्षक ने बच्ची के साथ क्यों मारपीट की है तो उनके पास इसका जवाब नहीं था।

मासूम बच्ची को लेकर पुलिस चौकी निवास पहुंची मां ने बताया कि उनकी मासूम बेटी को मिठाई की चोरी के आरोप में शिक्षक के द्वारा बेरहमी से मारपीट की गई है। बेटी की पीठ और कमर के नीचे गहरी चोट के निशान हैं। ओके मामले की शिकायत मेरे द्वारा पुलिस को की गई है।

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