प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित ‘ओडिशा पर्व समारोह 2024’ कार्यक्रम में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने ओडिशा की हस्तशिल्प प्रदर्शनी का अवलोकन किया। पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ‘ओडिशा पर्व’ की बहुत-बहुत बधाई देता हूं। इस साल ‘स्वभाव कवि’ गंगाधर मेहर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं।’ पीएम ने कहा, ‘अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी श्री​मति द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण के लिए हजारों करोड़ रुपये की योजनाएं शुरू हुई हैं। ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा में ही नहीं, पूरे देश के आदिवासियों का हित कर रही हैं।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशा वासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है।’ उन्होंने कहा, ‘आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य, शिक्षा के कामों में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले केंद्र सरकार, ओडिशा को जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को उससे तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।’ मोदी ने कहा, ‘हमारी सरकार ओडिशा में Ease Of Doing Business को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

उत्कर्ष, उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही पहले 100 दिनों के भीतर ही 45 हजार करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विजन भी है और रोड मैप भी है।’ पीएम मोदी ने कहा, ‘आज के आधुनिक युग में आधुनिक बदलावों को हमें आत्मसात भी करना है और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व इसका एक माध्यम बन सकता है।’ उन्होंने कहा, ‘आज ओडिशा के साथ देश में भी ऐसी सरकार है, जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। पिछले साल भारत में आयोजित हुए G20 सम्मेलन के दौरान हमने इतने सारे राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने सूर्य मंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था।’

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