उत्तराखंड। उत्तराखंड के 100 नगर निकायों के चुनाव में बृहस्पतिवार को जमकर वोट बरसे। खबर लिखे जाने तक कई निकायों में मतदान चल रहा था। इस बार भी मतदान प्रतिशत 65 से 70 के बीच रहने का अनुमान है। अब 25 जनवरी को मतगणना होगी। रुड़की के माहीग्रान में शाम पांच बजे के बाद लाइन में लगे लोगों ने मतदान करवाने के लिए हंगामा कर दिया। जिससे वहां स्थिति तनावपूर्ण बन गई। पुलिस ने लोगों को समझाने का प्रयास किया लेकिन वह मतदान करवाने की जिद पर अड़े रहे। इस बीच किसी ने पत्थर फेंक दिया। जो एक युवक को जा लगा। इस पर हंगामा और बढ़ गया। स्थिति को काबू पाने के लिए पुलिस ने हंगामा करने लोगों पर लाठियां फटकारी जिससे भगदड़ मच गया।

बड़कोट के वार्ड नंबर 4 के डाइट मतदान केंद्र पर हंगामा। पांच बजे के बाद भाजपा प्रत्याशी के साथ मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान को जाने दिया। निर्दलीय प्रत्याशी के समर्थकों, यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल को नहीं जाने दिया। धक्का मुक्की के साथ हंगामा हुआ। मनवीर सिंह चौहान के खिलाफ नारेबाजी। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करते हुए भीड़ को खदेड़ा। विधायक के गनर ने विधायक संजय डोभाल को सुरक्षित बाहर भीड़ से ले आए ।

मसूरी नगर पालिका चुनाव मतदान के दौरान हंगामा हो गया। आरएन भार्गव इंटर कॉलेज के अतिसंवेदनशील वार्ड 6 के कक्ष संख्या 3 में दो पक्षों में मारपीट हो गई। फर्जी वोट को लेकर दोनों पक्षों में विवाद हो गया। इस दौरान जमकर बवाल हुआ। पुलिस ने दोनों पक्षो को मतदान केंद्र से बाहर किया। प्रदेश में निकाय चुनाव पांच बजे तक होने थे। लेकिन कई जगहों पर अभी भी वोटरों की लंबी लाइनें लगी हैं। उत्तराखंड में निकाय चुनाव को लेकर मतदाताओं में भी सुबह उत्साह नजर आया, लेकिन दिन चढ़ने के साथ ही भीड़ कम होने लगी। प्रदेश में चार बजे तक 56.81 फीसदी मतदान हुआ है। वहीं, बूथों पर अभी भी लाइनें लगी हैं।

देहरादून के केसरवाला में विकास कार्य नहीं होने की वजह से लोगों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया। लोगों का आरोप है कि शहर में पांच साल होने के बाद भी उनको शहरी सुविधाएं नहीं मिल सकी। केसरवाला की सड़कों की हालत खराब है। लेकिन नगर निगम ने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसौनी और उनके परिवार के अन्य सदस्यों का नाम भी मतदाता सूची से गायब है। गरिमा का कहना है कि उनका और उनके परिवार का नाम वोटर लिस्ट में नहीं मिल रहा है। उन्होंने विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भी वोटिंग की थी। लेकिन उनका नाम इस बार की निकाय चुनाव की सूची से गायब है।

पूर्व सीएम हरीश रावत के वोट कटने पर उनकी ओर से जारी बयान पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का बयान सामने आया। उन्होंने कहा कि हरीश रावत मतदान के प्रति कितने जागरूक हैं। इसका पता इससे लगता है कि वो वोटिंग के दिन ही अपने मत को ढूंढने निकले हैं। शायद हरीश रावत को पता ही नहीं है कि वो कहां के वोटर हैं। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि हरीश रावत कभी हरिद्वार तो कभी ऊधम सिंह नगर तो कभी अल्मोड़ा से चुनाव लड़ते हैं। हरीश रावत को तो यही नहींपता है कि वो ग्रामीण क्षेत्र के मतदाता है या फिर निकाय के। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने तंज कसते हुए कहा कि जब चुनाव के दिन हार होने लगती है तो आरोप के लिए कुछ रास्ते ढूंढ़े जाते हैं।

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत जब वोट डालने की तैयारी कर रहे थे तो पता चला कि उनका नाम मतदाता सूची में ही नहीं है। मीडिया से बातचीत में पूर्व सीएम रावत ने कहा कि उन्हें बड़ा धक्का लगा है। मैंने माजरा से लोकसभा चुनाव में वोट दिया था। यहां बीएलओ भी आया था। यहां भी किराए पर रहते हैं। पहले राजपुर में किराए पर रहता था लेकिन वोट माजरा में था। अब कहीं नहीं है। उन्होंने इस संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग में बात की तो जवाब मिला कि अभी सर्वर डाउन है। पूर्व सीएम रावत ने कहा कि उन्हें गहरा दुख है। हजारों लोगों के नाम काट दिए गए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here