बुधवार को मणिपुर से उत्तराखंड के लिए एक बुरी खबर आई। 12 जुलाई को उग्रवादियों द्वारा अपरहण किए गए आसाम राइफल के हवलदार हयात सिंह मेहरा का पार्थिव शरीर उनके पैतृक निवास झनकट पहुंचा। पार्थिव शरीर उनके निवास स्थान पर पहुंचते हैं परिजनों समेत सभी गांव वाले शौकीन हो गए।
अपने इस शहीद जवान को श्रद्धांजलि देने के लिए हजारों लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। आपको बता दें कि हवलदार हयात सिंह मेहरा (48) पुत्र (स्वर्गीय त्रिलोक सिंह ) 31 आसाम राइफल में तैनात थे और उनकी इस समय मणिपुर में ड्यूटी चल रही थी। वह मूल रूप से पिथौरागढ़ जिले के डीडीहाट तहसील के ग्राम जमतड़ के रहने वाले थे और उनका परिवार झनकट की डिफेंस कॉलोनी में रहता है। हवलदार हयात सिंह मेहरा सन 1992 में असम राइफल में भर्ती हो गए थे।
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हयात सिंह मेहरा का 12 जुलाई को मणिपुर में ड्यूटी के दौरान उल्फा उग्रवादियों ने अपहरण कर लिया था और 16 जुलाई को उनका शव मिला।
बुधवार को जब उनका पार्थिव शरीर उनके निवास स्थान झनकट पहुंचा तो उनके परिजन बदहवास हो गए। शहीद का अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान के साथ बनवासा के शारदा घाट पर किया गया। इस घटना के बाद पूरे गांव और क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई।
शारदा घाट पर पहुंचे पार्थिव शरीर को 8 जेकलाई रेजिमेंट के जवानों ने सैन्य सम्मान के साथ उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।