हिसार। जासूसी की आरोपी ज्योति मल्होत्रा के पिता हरीश मल्होत्रा ने वीरवार को कहा कि वकील करने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे। बेटी से मिलने के लिए जाना चाहता था। पुलिस ने दोपहर 12 बजे का समय दिया। दोपहर 12 बजे पता लगा कि ज्योति को फिर से रिमांड पर भेज दिया है। गलत समय बताकर पुलिस ने मेरे साथ धोखा किया। अमर उजाला से बातचीत में उन्होंने कहा कि उनके पास तो मोबाइल भी नहीं है। मैंने पुलिसकर्मियों से ज्योति के बारे में पूछा तो बताया था कि वीरवार दोपहर 12 बजे बाद उसे कोर्ट में पेश करेंगे। कोर्ट में आ जाना, आपको ज्योति से मिलवा देंगे। सुबह 11 बजे मेरे घर दो पत्रकार आए, उन्होंने बताया कि ज्योति को दोबारा से रिमांड पर भेज दिया है। वह कोर्ट में नहीं है। ज्योति के लिए वकील नियुक्त करने के बारे में पूछा तो कहा कि मैं तो किसी वकील को जानता नहीं। मेरे पास पैसे भी नहीं हैं।
पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार ज्योति मल्होत्रा को पांच दिन की रिमांड पूरी होने के बाद उसे वीरवार को अदालत में पेश किया गया। अदालत में सिविल लाइन पुलिस ने बताया कि आरोपी के मोबाइल और लैपटॉप की फोरेंसिक रिपोर्ट अभी तक नहीं मिली है। दूसरे राज्यों की पुलिस ने भी हमसे से संपर्क किया है। जांच में साक्ष्य जुटाने के लिए हमें सात दिन का और रिमांड चाहिए। 40 मिनट तक दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद सिविल जज ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट सुनील कुमार ने ज्योति मल्होत्रा को चार दिन के लिए और पुलिस रिमांड पर भेज दिया।
पाक के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार ज्योति मल्होत्रा का पांच दिन का रिमांड बुधवार को पूरा होने के बाद उसे वीरवार को अदालत में पेश किया गया। सुबह करीब 9.30 बजे पुलिस ज्योति को अदालत परिसर लेकर पहुंची। इस मामले की जांच अधिकारी इंस्पेक्टर निर्मला ने अदालत में आरोपी की जांच रिपोर्ट पेश की। जांच अधिकारी ने अदालत को बताया कि ज्योति मल्होत्रा के मोबाइल और लैपटॉप को जांच के लिए मधुबन स्थित फोरेंसिक लैब में भेजा गया है। अभी तक उसकी रिपोर्ट नहीं मिली है। ज्योति के पाकिस्तान ऑप्रेटिव एजेंसी (पीओआई) के संपर्क में होने के साक्ष्य मिले हैं। उसके मोबाइल और लैपटॉप के डेटा मिलने के बाद जांच को बढ़ाया जाएगा। ज्योति ने पीओआई से किस तरह की सूचनाएं साझा की थी इस बारे में इस डेटा से ही खुलासा होगा।
ज्योति मल्होत्रा ने दूसरे कई राज्यों के वीडियो भी बनाए हैं, जिसमें बॉर्डर सिक्योरिटी को भी दिखाया गया था। ऐसे कुछ राज्यों की पुलिस भी उससे पूछताछ करना चाहती है। इसके लिए ज्योति का 7 दिन का रिमांड दिया जाए। ज्योति ने अपना कोई प्राइवेट वकील नहीं किया था। अदालत की ओर से उसे डीएलएसए ( डिस्टि्रक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी) की ओर से वकील दिया गया। दोनों पक्षों की करीब 40 मिनट की बहस के बाद अदालत ने ज्योति मल्होत्रा को चार दिन के रिमांड पर भेज दिया। सिविल लाइन पुलिस ने मीडिया से बचने के लिए ज्योति मल्होत्रा को पुलिस की वाहन के बजाय काले रंग के शीशे वाली स्कॉर्पियो से लाया। उसे अदालत के गेट नंबर एक से अंदर लाया गया। इस दौरान सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त थे। अदालत परिसर में करीब 40 से अधिक पुलिसकर्मी अलग अलग स्थानों पर तैनात किए गए। इसके अलावा कुछ पुलिसकर्मी सिविल ड्रेस में भी लगाए गए थे। अदालत में पेशी से पहले सभी लोगों को हटा दिया गया।
पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के शक में गिरफ्तार ज्योति मल्होत्रा से पूछताछ में सामने आया है कि पाकिस्तान से जुड़े वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड करने से पहले इन्हें पाकिस्तान दूतावास के अधिकारी दानिश के पास भेजा जाता था। इस पर दानिश उन वीडियो को देखता और ज्योति को कुछ निर्देश देता था। इसके बाद ज्योति वीडियो को निर्देशानुसार एडिट करती और फिर सोशल मीडिया पर अपलोड करती थी। माना जा रहा है कि दानिश वीडियो से पाकिस्तान की छवि को नुकसान पहुंचाने वाले सीन डिलीट कराता था। वह जांच करता कि पाकिस्तान की सुरक्षा से जुड़ा कोई गोपनीय अंश वीडियो में न जाए। ज्योति के मोबाइल से इस तरह के वीडियो भेजे जाने के साक्ष्य पुलिस को मिले हैं।