देहरादून। श्यामलाल गुरुजी के हत्यारोपी गीता और उसके पति हिमांशु चौधरी को पुलिस ने अमृतसर से गिरफ्तार कर लिया। गीता के श्यामलाल से संबंध थे। इन्हीं के चलते वह अश्लील वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल कर पैसे मांग रही थी। बुजुर्ग श्यामलाल को जब इसकी भनक लगी तो वह चिल्लाने लगे। इसके बाद दोनों ने उनकी गला दबाकर हत्या कर दी। आरोपियों ने शव को अगले दिन कई हिस्सों में काटकर प्लास्टिक के बोरे में रख दिया। वहां से रिश्तेदारों के माध्यम से उसे नहर में फेंककर ठिकाने लगा दिया।

ठिकाने लगाने वालों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। एसएसपी अजय सिंह ने आरोपियों से पूछताछ के आधार पर बताया कि गीता के श्यामलाल से करीब 12 साल से संबंध थे। इसके चलते वह तीन साल पहले अपने पति से अलग हो गई और बेटी के साथ देहरादून के किशननगर क्षेत्र के सिरमौर मार्ग पर रहने लगी। श्यामलाल लगातार उससे मिलने आते रहते थे लेकिन इसी बीच उसने मई 2024 में रुड़की के रहने वाले हिमांशु चौधरी से मंदिर में शादी कर ली।

हिमांशु देहरादून के एक प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा था, लेकिन बार-बार फेल हो जाने के कारण उसकी पढ़ाई पर बहुत खर्च हो रहा था। हिमांशु को अब भी पढ़ाई के लिए फीस देनी थी लेकिन आर्थिक तंगी के कारण वह ऐसा नहीं कर पा रहा था। बीते दिनों उन्होंने श्यामलाल को ब्लैकमेल कर उनसे पैसे ऐंठने का षड्यंत्र रचा। इसके तहत गीता ने गत दो फरवरी को श्यामलाल को फोन कर सिरमौर मार्ग स्थित अपने घर बुलाया। यहां पहले से ही हिमांशु चौधरी मौजूद था।

योजना थी कि गीता और श्यामलाल की अश्लील वीडियो हिमांशु रिकॉर्ड कर लेगा। गीता और श्यामलाल जैसे ही एक साथ आए तो किसी तरह श्यामलाल को इस बात की भनक लग गई कि कोई वहां पर छिपा हुआ है। यह देखकर वह चिल्लाने लगे। इस पर दोनों ने श्यामलाल का मुंह दबा दिया। दोनों हाथ पांव पकड़कर श्यामलाल को काबू किया और गला दबाकर उनकी हत्या कर दी। इसके बाद शव को वहीं बेड के नीचे छिपा दिया।

हिमांशु चौधरी एमबीबीएस की चतुर्थ वर्ष की पढ़ाई कर रहा था। उसने गीता से कहा था कि वह काफी समय तक सर्जरी विभाग में रहा है। ऐसे में उसे पता था कि यदि 24 घंटे बाद शव को काटा जाए तो खून नहीं निकलेगा। लिहाजा, दोनों ने इंतजार किया और शव को अगले दिन काटने की योजना बनाई। अगले दिन हिमांशु ने रसोई के चाकू से ही शव को जोड़ के हिस्सों से काटा। पहले शव के कंधों से हाथ काटे गए। इसके बाद दोनों पैर अलग किए गए। बाद में सिर को काटकर प्लास्टिक के बोरे में रख दिया। षड्यंत्र के तहत गीता अजय को शव ठिकाने लगाने के लिए कह चुकी थी।

गत सात फरवरी को श्यामलाल गुरुजी की बेटी निधि राठौर ने पटेलनगर थाने में अपने पिता की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। बताया था कि श्यामलाल दो फरवरी को किसी काम की बात कहकर घर से निकले थे। पुलिस ने मामले में जांच शुरू की और उनके फोन की अंतिम लोकेशन पता की। यह लोकेशन सिरमौर मार्ग की निकली। उनके फोन में गीता नाम की महिला से कई बार बातचीत थी। गीता की लोकेशन भी सिरमौर मार्ग पर थी। पुलिस जब वहां पहुंची तो देखा कि गीता और उसका पति हिमांशु गायब थे। इस पर पुलिस ने गीता के मायके देवबंद संपर्क किया।

वहां उसके भाई अजय से बात हुई तो उसने सारी कहानी उगल दी। बताया था कि गीता ने दो फरवरी को फोन किया था कि उसने किसी की हत्या कर दी है। उसका शव ठिकाने लगाना है। इसके लिए अजय कुमार ने अपने जीजा धनराज चावला को बुलाया और चार फरवरी को देहरादून पहुंच गए। यहां उन्होंने लाश के टुकड़ों से भरा बोरा उठाया और उसे देवबंद सुखना नहर में फेंक दिया। लाश के दो टुकड़े सहारनपुर पुलिस ने 16 फरवरी को बरामद कर लिए थे। मीडिया में जब खबरें चलीं तो उन्होंने देहरादून पुलिस को सूचना दी। पुलिस परिजनों को वहां लेकर पहुंची तो शव के इन टुकड़ों की पहचान उन्होंने श्यामलाल के रूप में की।

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